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क्रिकेट इतिहास का वो मैच जब भारत के 6 खिलाड़ियों पर लगा बैन | 2001 Ball Tampering India In Hindi

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क्रिकेट इतिहास में बॉल टैंपरिंग से लेकर अलग-अलग विवादों को लेकर इंग्लैंड के माइकन एथर्टन पाकिस्तान के शोएब अख्तर शाहिद अफरीदी व साल 2018 में बॉल टैंपरिंग को लेकर ऑस्ट्रेलिया के 2 खिलाड़ी डेविड वार्नर व स्मिथ पर लगे बैन से सभी क्रिकेट प्रेमी अवगत है । लेकिन दोस्तो आज हम क्रिकेट इतिहास के एक ऐसे मैच कि बात करने वाले है जिस मैच एक नही पूरे 6 खिलाड़ियों को बैन झेलना पड़ा। यह 6 खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट टीम के थें इस मैच में सचिन तेंदुलकर पर बॉल टैंपरिग व विरेंद्र सहवाग पर आक्रमक तरीके से अपील करने, हरभजन सिंह , दीप दास गुप्ता, व शिव सुंदर दास पर बेवजह ज्यादा अपील पर बैन लगा। दोस्तो यह पूरा मामला साल 2001 में भारत व साउथ अफ्रीका के बीच खेली जा रही टेस्ट सीरिज के दौरान हुआ।
सचिन तेंदुलकर बॉल टैंपरिग
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आईसीसी क्रिकेट नियमों के अनुसार मैच के दौरान खिलाड़ी या बॉलर बॉल करने से पहले उसकी सीम को साफ कर सकता है वो भी जब अंपायार खिलाड़ी के सामने मौजूद हो। साउथ अफ्रीका के साथ खेले जा रहे इस टेस्ट के तीसरे दिन सचिन तेंदुलकर को कैमरे में गेंद की सीम को साफ करते हुए देखा गया और तब उन्होंने इसकी अनुमति फिल्ड अंपायर से भी नही ली।
इस मैच में मैच रेफरी की भुमिका निभा रहे Mike Denness ने जब कैमरे में सचिन की इस हरकत को देखा तो उन्होंने सचिन पर बिना अंपायर की अनुमती के गेंद की सीम से छेड़छाड़ के लिए 1 मैच का बैन लगा दिया। बाद में सचिन ने भी इस बात को स्वीकार किया की उन्होंने नियमों का उल्लंखन किया लेकिन वो बॉल टैंपरिग के साथ जोड़ा गया इसके लिए वो बीसीसीआई से इस मामले पर बात करेंगे।
अपील करने पर बैन हुए ये खिलाड़ी
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अफ्रीका के साथ हो रहे इस मैच में युवा खिलाड़ी वीरेंद्र सहवाग, दीप दास गुप्ता, सुंदर दास व स्पिनर हरभजन सिंह मैंच में काफी उत्साहित लग रहे थे और गेंदबाज की हर अपील के साथ वो भी आक्रमता से अंपायर के सामने अपील कर रहे थें। भारतीय प्लेयर्स कि यह हरकत मैच रैपरी को नियमों से परे लगी और उन्होंने इन सभी खिलाड़ियों पर एक-एक मैच का प्रतिबंध लगा दिया साथ ही मैंच फीस का 75 मैच फीस काट ली गई। इस मैच में साउथ अफ्रीका टीम के खिलाड़ी भी भारतीय खिलाड़ियों की तरह हरकतें कर रहे थें।
कप्तान गांगुली पर भी लगा बैन
इस मैच के दौरान कप्तान सोरव गांगुली पर भी मैच रेफरी ने अपनी टीम को नियंत्रित न कर पाने के चलते एक मैच के प्रतिबंध के साथ मैच फीस का 75 काट लिया।
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छिड़ गया विवाद
एक मैच में भारत के 6 खिलाड़ियों पर प्रतिबंध के बाद भारतीय क्रिकेट फेंस के बीच विवाद छिड़ गया इस मामले को इतनी हवा मिली की मुद्दा भारतीय संसद तक पहुंच गया। बीसीसीआई ने मैच रेफरी Mike Denness पर नस्लभेद का आरोप लगाते हुए उन्हें तीसरे टेस्ट से हटाए जाने की मांग की साथ ही भारतीय खिलाड़ियों पर लगे बैन को हटाने की मांग की ।
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इस मैच में आईसीसी ने मैच रेफरी का का पक्ष लेते हुए बीसीसीआई की संम्पूर्ण मांगो को ठुकरा दिया। तब बीसीसीआई ने फैसला किया कि वो अफ्रीका के साथ तीसरा टेस्ट मैच नही खेलेगें। ICC , BCCI के बीच इस बहस में अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड ने बोर्ड का नुकसान होते हुए देख बीसीसीआई के पक्ष में खड़ा हो गया।
तीसरे टेस्ट के लिए दोनो टीम तैयार हुई । दोनो बोर्ड ने तीसरे टेस्ट के लिए मैच रेफरी Mike Denness को बाहर का रास्ता दिखाते हुए मैच के लिए एक नए मैच रेफरी का चुनाव कर लिया। दोनो क्रिकेट बोर्ड ने इस मैच को आईसीसी का अपमान मानते हुए इसे आधिकारिक मैच न मानने की घोषण कर दी। बाद में जब मामला बिगड़ता दिखा तब आईसीसी ने मामले को शांत करने के लिए टीम इंडिया के 6 खिलाड़ियों में से 5 खिलाड़ियों का बैन हटा दिया। बस सहवाग पर यह बैन बना रहा।
लेकिन यह मामला यही शांत नही हुआ वीरेंद्र सहवाग पर लगा बैन इंग्लैंड से होने वाली सीरीज चला। वही बीसीसीआई चाहता था कि वीरेंद्र सहवाग पर लगा बैन अफ्रीका के साथ हो रही सीरीज तक खत्म हों। तीसरे टेस्ट में सहवाग नही खेल पाएं इसके चलते उनको एक इंग्लैंड सीरीज तक उनका 1 मैच का बैन चला।
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