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Farmers Protest Kisan Andolan Delhi | अब तक सरकार और किसान संगठनों में नही बनी बात, जाने कहा पर अटकी

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सरकार और किसानों के बीच अब तक कई दौर की बातचीत हो गई है, लेकिन अभी तक किसान आदोलन का कोई समाधान नही निकाल पाया है, कल सरकार और किसानों के बीच 8वें दौर की बातचीत हुई, किसानों ने सरकार के सामने आन्दोलन को समाप्त करने के लिए 4 शर्ते रखी थी, जिनमे से 7वें दौर की बातचीत में 2 बिन्दुओ पर आपसी सहमती बन गई थी, लेकिन अब किसान सरकार से MSP पर कानून बनाने पर और कृषि सुधार के लिय बने तीनों कानूनों को वापिस लेने की बात पर अड़े हुये है, किसानों ने सरकार से MSP को क़ानूनी रूप देने के लिए कहा है, जिस पर सरकार ने कुछ समय माँगा है, अब अगले दौर की बातचीत 8 जनवरी 2021 को फिर से विज्ञान भवन में ही होगी।
बैठक के बाद किसानों का आगे का स्टैंड।
किसान नेता सरवन सिंह ने कहा की मीटिंग में कृषि मंत्री ने साफ कर दिया की कृषि सुधार कानून वापिस नही लिए जायेगे, किसान चाहे तो सुप्रीम कोर्ट जा सकते है। सरवन सिंह ने बताया की अब हम लम्बी लड़ाई की तैयारी कर रहे है। हम किसान 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर बड़ी रैली का आयोजन भी करने जा रहे है।
बैठक के बाद सरकार का आगे का स्टैंड
8वें दौर की बातचीत के बाद सरकार ने साफ कर दिया कि हम करोडो किसानों के साथ अन्याय नही कर सकते, ज्यादातर किसान संगठन कृषि सुधार कानूनों के समर्थन में है। हम जो भी फैसला लेने उनमे देश में सभी किसानों का ध्यान रखा जायेगा। किसान कानून में क्या क्या दिकत है, उस पर बात करे, सीधे तौर पे कह देना की कानून वापसी तक कोई समाधान नही होगा, किसानों का यह रुख सही नही है। कृषि मंत्री तोमर ने कहा की तालिया दोनों हाथ से बजती है। किसानों को यह बात समझनी होगी। सरकार किसानों की हर समस्या पर बात करने को तैयार है। उनके मन में जो शंका है उन्हें दूर करने के लिए तत्पर है।
किसान कानून वापसी पर अड़े, इसलिए हल नहीं निकल पा रहा : तोमर
किसानों ने फिर ठुकराया सरकारी खाना
source- bhaskar
8वें दौर की बातचीत के दौरान सरकार ने किसान नेताओ को साथ में लंच में खाना खाने के लिए बुलाया लेकिन किसान नेताओं ने सरकार के साथ लंच करने से मना कर दिया, किसान नेताओ ने भंडारे में से आया हुआ खाना खाया।
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7वें दौर की बातचीत के दौरान भंडारे में से आये हुये खाने के साथ सरकार और किसान नेताओं ने लंच किया था।
बात करने के लिए किसानों ने सरकार के सामने 4 शर्ते रखी-
1. पराली जलाने पर किसानों पर केस दर्ज नहीं हो।
2. बिजली अधिनियम में कोई बदलाव नही हो, सब्सिडी पहले की तरह ही मिले।
3. MSP पर कानून बने।
4. कृषि सुधार के तीनो कानून वापिस हो।
सरकार और किसानों के बीच 30 दिसंबर की मीटिंग में 2 मुद्दों पर सहमति बनी थी।
1. अब किसानों पर पराली जलाने पर केस दर्ज नहीं होंगे- अभी वर्तमान में पराली जलाने पर 1 करोड़ रुपए जुर्माना और 5 साल की कैद का प्रोविजन है। सरकार इसे हटाने पर राजी हुई। अब यह जुर्माना किसानों पर नही लगेगा।
2. बिजली अधिनियम (आने वाले) में कोई बदलाव नहीं: किसानों को आने वाले बिजली अधिनियम पर शंका है, कि इस कानून से बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी बंद हो जाएगी। अब यह कानून नहीं बनेगा।
8 बैठको में से सिर्फ 1 बैठक का नतीजा निकला
सरकार और किसानों के बीच अब तक 8 दौर की बातचीत हुई है, जिसमे से सिर्फ 30 दिसंबर हो 7वां दौर की बातचीत में दो मुद्दो पर सहमती बन पाई। लेकिन 2 मुद्दो पर अभी भी मतभेद बने हुये है।
अब तक किसानों और सरकार के बीच 8वें दौर की बातचीत पूरी हुई है-
पहला दौर- 14 अक्टूबर 2020
दूसरा दौर- 13 नवंबर 2020
तीसरा दौर- 1 दिसंबर 2020
चौथा दौर- 3 दिसंबर 2020
5वां दौर- 5 दिसंबर 2020
6वां दौर- 8 दिसंबर 2020
7वां दौर- 30 दिसंबर 2020
8वां दौर- 4 जनवरी 2021
Farmers Protest Kisan Andolan Delhi | अब तक सरकार और किसान संगठनों में नही बनी बात, जाने कहा पर अटकी