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इस तरह हुई भारत में फ़िल्टर कॉफ़ी की शुरुआत | Indian Filter Coffee History In Hindi

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सुबह बिस्तर से उठने के बाद एक कप गर्म कॉफी मिल जाएं तो वो पूरा दिन हमारा एनर्जी भरा होता है जब भी घर में हम स्टोर के सामान की लिस्ट बनाते है तब कॉफी का नाम लिखना कभी नहीं भूलते लिखे भी क्यों नहीं ये हमारा सिर दर्द जो दूर करती है कुछ लोग अपना स्टैंडर्ड दिखाने के लिए स्पेशल तौर पर कॉफी कि मांग करते है.
ये बात तो हम सभी जानते है कि सुनहरी सुबह में कॉफी की एक चुस्की हमारे जीवन में कितनी जरुरी है दोस्तों आज हम आपको कॉफी से जुडी रोचक जानकारी देने वाले है हम बताने वाले है की South Indian Filter Coffee के बारे में की ये पहली बार कैसे बनी?
भारत में कॉफी की शुरुआत
Source 4.bp.blogspot.com
दोस्तों भारत देश में प्रथम बार कॉफी की शुरुआत 17वीं शताब्दी में कर्णाटक राज्य से हुई थी। इतिहास के पन्नों में ऐसा माना जाता है की कर्णाटक राज्य के एक गांव चिकमंगलूर में एक मुस्लिम संत बाबा बुदन रहते थे. जब बाबा बुदन अपने धर्म की पवित्र यात्रा हज करके मक्का से भारत लोट कर आए तब वो वहां से अपने साथ कॉफी के बिन्स की तस्करी कर उन्हें भारत ले आए. उस समय अरब प्रायद्वीप क्षेत्र से ग्रीन कॉफ़ी बीन्स बाहर ले जाना अवैध था. लेकिन फिर भी बाबा बुदीन ने अपनी दाढ़ी में कॉफी के बिन्स छुपा लिए और भारत आ गए. भारत लोट कर बाबा बुदीन ने कॉफी के बिन्स अपने क्षेत्र चिकमंगलूर की चंद्रगिरि पहाड़ियों में बो दिए . कुछ दिनों बाद वो उगना शुरू हो हो गए यहीं कारण है की आज चंद्रिगरी पहाड़ियों कॉफी का सबसे ज्यादा उत्पादन होता है धीरे-धीरे 20 वी सदी तक कॉफी भारत के पूरे दक्षिणी राज्यों कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और केरल में लोगो की बीच काफी लोकप्रिय हो गई.
अंग्रेजी हकूमत कॉफी का विस्तार
Source orbtimes.com
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जब देश में अंग्रेजी हकूमत का राज था तब अंग्रेजी सरकार के लोग भारत की कॉफी सस्कृति के बारे में विस्तार से जानना चाहते थे. अंग्रेजी शासन का उद्देश्य था की इस व्यापार का एक बड़ा व्यवसायीकरण कर सकें अंग्रेजो की इस योजना के तहत भारत में कॉफी के दक्षिणी कर्नाटक में कूर्ग की पहाड़ियों, उत्तरी केरल के वायनाड, में कॉफी का व्यवसाय सर्वव्यापी गया और बाद में देश से कॉफी निर्यात की जाने लगी और समय के साथ कॉफी के स्थानीय बाजार भी बनाया गया.
कॉफी में मिठास के लिए मिलाते थे गुड़ और शहद
Source southindianstore.com
देश में 19वीं शताब्दी की शुरुआत में भारत में कॉफी को बनाने का एक अगल ही तरीका था लोग कॉफी को दूध के साथ और उसे मिठास देने के लिए गुड़ और शहद मिला देते थे. दोस्तों आज कॉफी देश के दक्षिणी परिवारों को इतनी भा गई है की ये उनका डेली रूटीन हो गया है लेकिन देश का एक हिस्सा नॉर्थ साइड अभी भी कॉफी से दूर है नॉर्थ साइड में कॉफी का चलन नहीं है. भारत में 20वीं शताब्दी में Indian Coffee House की शुरुआत हुई थी.
जब भारत में कॉफी हाउस विकसित हो गए तब तब कॉफी पीने में लोग मिट्टी के बर्तन के बजाय स्टील के टम्बलरों में पीना शुरू कर दिया दोस्तों टंबलर में दो अलग-अलग हिस्से होते है पहला हिस्सा Fresh Ground का होता है और दूसरे हिस्सें में बारीक़ पीसी हुई कॉफी होती है.
भारत देश में 20वी सदी की शुरुआत में कॉफी लोगो के बीच काफी लोकप्रिय हो गई और साथ ही एशिया के अन्य हिस्सें मलेशिया और सिंगापुर में भी कॉफी लोकप्रिय हो गई. विदेशो में कॉफी को Kopi Tarik के नाम से जाना जाता है,
इस तरह हुई भारत में फ़िल्टर कॉफ़ी की शुरुआत | Indian Filter Coffee History In Hindi