आई. ए. एस. किंजल सिंह की जीवन की दास्ता | IAS Kinjal Singh Biography In Hindi

आई. ए. एस. किंजल सिंह की जीवन की दास्ता | IAS Kinjal Singh Biography In Hindi

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किंजल सिंह अनाथ होते हुए भी बनी आई. ए. एस. अफसर- सम्पूर्ण बायोग्राफी | All About IAS Kinjal Singh Biography In Hindi

किंजल सिंह एक ऐसा व्यक्तित्व जो अपने आपको असल जिंदगी की नायिका के रूप में प्रस्तुत करने में इस हद तक सफल हैं की सिने जगत की नायिकायें भी पीछे छूटती दिखाई पड़ती हैं| किंजल सिंह स्वयं में ही एक कहानी भी हैं और उसका उत्तर भी, उन्होंने अपने जीवन से समाज में एक ऐसी लड़की की मिसाल प्रस्तुत की है जो जीवन में कभी हार नहीं मानी और वो कर दिखाया जो कोई सोच भी नहीं सकता| इन्होने समाज में अपनी एक अलग पहचान बना ली है, किंजल सिंह सन 2008 बैच की एक तेज तर्रार महिला अफसर हैं|

 IAS Kinjal Singh Life Story and Biography

भारतीय परिवेश में महिलाओं के सशक्त होने की कड़ी को आगे बढ़ाने वाली और सशक्तिकरण के विचारधारा को बल प्रदान करनेवाली साथ ही एक अदम्य साहस की प्रतिमूर्ति किंजल सिंह का एक छोटा सा परिवार था जिसमे माता-पिता और एक छोटी बहन प्रांजल थी| किंजल के पिता के. पी. सिंह गोंडा के डी .एस पी. पद पर तैनात थे जब उन्ही के सहकर्मियों ने उनकी हत्या कर दी थी और प्राकृत के इस निर्मम द्वन्द को तो देखिये की पिता के मृत्यु के 6 मॉस बाद किंजल की बहन प्रांजल का जन्म हुआ|

 IAS Kinjal Singh Life Story and Biography

किंजल के पिता की जब हत्या हुई तो उन्होंने आई ए एस मेंस की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली थी और इंटरव्यू बाकी था तभी से उनकी माँ की आँखों में एक सपना पोषित हो रहा था की........." वे अपनी बेटिओं को आई ए एस बनाएंगी" ऐसा सुनकर पुरुषों को प्रधानता देने वाले इस समाज के लोग उनकी बातों को हास्य रस की कोई उक्ति समझकर उनका मजाक उड़ाते थे|

पिता की मृत्यु के बाद सम्पूर्ण परिवार की जिम्मेदारी उनकी माता पर आन पड़ी उनकी माँ विभा सिंह कोषाधिकारी थीं उनकी तनख्वाह का आधा हिस्सा मुकदमा लड़ने में जाता था लेकिन नियति ने किंजल सिंह के जीवन पर एक और निर्मम प्रहार किया और वो था उनकी माँ का कैंसर से पीड़ित होना जिनके इलाज की जिम्मेदारी किंजल ने खुद अपने कन्धों पर ले रखी थी उस समय किंजल विधि स्नातक की छात्रा थी|

कैंसर की बीमारी के चलते उनकी माँ की 18 बार कीमो थेरेपी हुई थी फिर भी किंजल ने इस परेशानी से हार नहीं मानी और जिंदगी के इन प्रहारों के आगे झुकना के बजाय इनके खिलाफ लड़ने की ठानी, किंजल ने अपने जीवन की गाथा को लोगों से शेयर करते हुए बताया की जब उनकी माँ अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहीं थी उस समय डॉक्टर ने उनसे कहा------" क्या तुमने कभी अपनी माँ से पूछा की वो किस दर्द से गुज़र रहीं हैं" जैसे ही मुझे इस बात का अहसास हुआ मैंने माँ से ये कहा कि मैं पापा को इन्साफ दिलाऊंगी, मैं और प्रांजल आई ए एस बनेंगे और अपने बहन और पुत्री होने के दायित्व को मैं पूरा करुँगी, आप बीमारी से लड़ना बंद कर दो इतना सुनना था की माँ के चेहरे पर एक सकून का भाव उभरा और वो कुछ देर बाद ही वो कोमा में चली गयीं और उनकी मौत हो गयी|

 IAS Kinjal Singh Life Story and Biography

पूरा किया आई. ए. एस. बनने का सपना

माँ की मृत्यु हुए अभी दो दिन भी नहीं हुए थे की किंजल को दिल्ली लौटना पड़ा क्योंकि उनकी परीक्षा थी जिंदगी की जंग में एक और लड़ाई हारने वाली किंजल ने इस साल दिल्ली यूनिवर्सिटी की परीक्षा में टॉप किया, इसी बीच छोटी बहन प्रांजल को भी दिल्ली बुला लिया और मुख़र्जी नगर में फ्लैट किराये पर लेकर दोनों बहने आई ए एस की तैयारी में लग गयी, किंजल बताती हैं हम दोनों दुनिया में अकेले रह गए, हम नहीं चाहते थे की किसी को पता चले| 

 IAS Kinjal Singh Life Story and Biography

किंजल की दृढ़ इच्छाशक्ति, झूझने की छमता, और सघन प्रेरणा के आगे आख़िरकार सफलता को किंजल के कदम चूमने के लिए मजबूर होना ही पड़ा और 2008 की आई. ए. एस. परीक्षा में दोनों बहनो की मेहनत रंग लायी और दोनों एक साथ देश की इस उच्च सेवा परीक्षा में चयनित होने में सफल हुईं, किंजल का 25वां व प्रांजल का 252वां स्थान था| वर्तमान में प्रांजल अस्सिटेंट कमिश्नर और किंजल जिलाधिकारी पद पर तैनात हैं| दोनों बहनों की उम्र में एक वर्ष का अंतर हैं इस चयन के बाद उन्हें इंतज़ार था अपने पिता के हत्यारों को सजा दिलाने का|

दिलाई पिता के हत्यारो को सजा

पुलिस का दावा था की के पी सिंह की हत्या गांव में छिपे डकैतों के क्रॉस फायरिंग में हुई थी जबकि माँ का कहना था उनकी पिता की हत्या पुलिसवालों ने ही की थी, बाद में ये जांच सी बी आई को सौंप दी|

 IAS Kinjal Singh Life Story and Biography

आखिर सत्य की जीत हुई और जांच से पता चला की उनके पिता के पी  सिंह की हत्या उनके ही महकमे के जूनियर अधिकारी आर बी सरोज ने की थी और हद तो तब हो गयी जब सच दिखने के लिए पुलिसवालों ने 12 गांव - वालों की भी हत्या कर दी|

 IAS Kinjal Singh Life Story and Biography

और 31 सालों के संघर्ष के बाद 5 जून 2013 को लखनऊ में सी बी आई के विशेष अदालत में फैसला सुनाया| इस केस में 18 पुलिसवालों को दोषी ठहराया गया| जिसमे से 10 की मौत पहले ही हो गयी थी, जिस वक़्त ये फैसला आया किंजल बहराइच की डी ऍम बन चुकी थी|

 IAS Kinjal Singh Life Story and Biography

परन्तु देर से आये इस फैसले ने किंजल सिंह के परिवार को न्याय तो दिलाया पर इसकी देरी से अपने परिवार को खो चुकने के दर्द ने भले ही किंजल को कभी-कभी कमजोर बनाया परन्तु उनके अंतर मन में छिपी दृढ़ इच्छा शक्ति उन्हें पुनः गतिमान कर देती| एक इंटरव्यू में किंजल ने खुद स्वीकारा बहुत से ऐसे लम्हे आये जिन्हे हम माता-पिता के साथ बिताना चाहते थे परन्तु उस वक़्त वो दोनों मेरे पास नहीं थे|

अनाथ होते हुए भी कर्म के पथ पर निकल पड़ी इस आई ए एस अफसर ने दूसरों के लिए एक ऐसे मिसाल कायम की है जिसपर चलकर सफलता के नित नए आयाम की गाथा लिखने में सफलता हासिल की जा सकती है| किंजल ने अपने प्रयासों से ये भी साबित कर दिया साधन सीमित भले हों हौसलों की उड़ान कभी सीमित नहीं होनी चाहिए|

आई. ए. एस. किंजल सिंह की जीवन की दास्ता | IAS Kinjal Singh Biography In Hindi