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महारानी अजबदे पुनवार की जीवन कहानी | Maharani Ajbade Punwar In Hindi

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महारानी अजबदे पुनवार मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप की रानी थी इनका जन्म मेवाड़ के ही राजा राव मम्रख पुनवार के राजपरिवार में हुआ था महाराणा प्रताप और रानी अजबदे पुनवार की शादी बचपन में ही हो गई थी तब प्रताप की उम्र 17 साल थी और रानी अजबदे पुनवार की उम्र 15 साल थी इनकी शादी 1557 में हुई थी - Maharani Ajbade Punwar
महारानी और महाराणा प्रताप के विवाह के दो साल बाद यानी 1559 में इनके एक संतान हुई जिसका नाम अमर सिंह था प्रताप के बाद मेवाड़ का उत्तराधिकारी अमर सिंह ही थे महारानी अजबदे पुनवार अपने जीवन में हमेशा महाराणा प्रताप की समर्थक रही
महाराणा प्रताप ने हमेशा महारानी अजबदे पुनवार का साथ दिया और उनसे प्रेम किया ऐसा माना जाता है की महाराणा प्रताप का मानना था की महारानी अजबदे पुनवार के रूप में उन्हें महारानी जयवंताबाई की छाया नजर आती है महाराणा जीवन भर महारानी अजबदे पुनवार में अपनी माँ महारानी जयवंता की याद में देखा करते थे महाराणा प्रताप और महारानी अजबदे पुनवार अमर सिंह के बाद एक और संतान हुई जिसका नाम भगवान दास था
मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप के जीवन में सबसे पहली रानी महारानी अजबदे पुनवार थी और वो उन्हें सबसे ज्यादा पसंद भी करते थे
महारानी अजबदे पुनवार के महाराणा के प्रति प्रेम की एक अलग ही अलख के कारण उन्हें अमर प्रेम का प्रतीक भी माना जाता है अपने पुरे जीवन काल के दौरान महारानी अजबदे पुनवार राणा प्रताप की सबसे वफादार और विश्वासी साथी रही महारानी अजबदे पुनवार प्रताप को हमेशा एक मित्र और पत्नी दोनों के नजरियो से सहायता करती थी
महारानी अजबदे पुनवार का जन्म सिसोदिया राजपरिवार में हुआ था इनके पिता का नाम राजा राव मम्रख सिंह था और माता का नाम हंस बाई था महाराणा प्रताप और अजबदे पुनवार की कहानी शादी से पहले ही शुरू हो गई थी राणा प्रताप शादी से पहले ही रानी को जानते थे और एक दूसरे से अत्यधिक प्रेम भी करते थे
मेवाड़ की रानी जयवंताबाई और राणा प्रताप की माता को अजबदे सबसे अधिक पसंद थी और वो अजबदे की तेज बुद्धि और जीवन को लेकर सादगी से काफी खुश थी
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महाराणा प्रताप ने अपने जीवन में राजनितिक कारणों की वजह से कुल 10 विवाह किये महाराणा प्रताप के इस फैसले से रानी अजबदे कभी उनके समर्थन में नहीं हुई और मेवाड़ राज्य की रानी होने का फर्ज अदा करते हुए एक रानी के कर्तव्यों को ईमानदारी से निभाती रही
दोस्तों महाराणा प्रताप को इन 10 शादियों से से 17 पुत्र और 5 बेटियां हुई इनमे सबसे बड़े कुंवर थे अमर सिंह और आगे चलकर अमर सिंह अपने पिता की राजगद्दी पर विराजमान हुए और अपने पिता के महाराणा साम्राजय के उत्तराधिकारी के रूप में नियुक्त हुए
वर्ष 1576 में हुए हल्दीघाटी युद्ध के समय महारानी अजबदे को चोट लग गई जिसकी वजह उनका निधन हो गया यह खबर जब प्रताप को लगी तो वो काफी दुखी हुई और उन्हें इस खबर से सबसे बड़ा आघात पंहुचा
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महारानी अजबदे पुनवार की जीवन कहानी | Maharani Ajbade Punwar In Hindi