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दुनिया के सबसे खतरनाक बॉक्सर मुहम्मद अली की जीवनी | Muhammad Ali Biography In Hindi

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6 फिट 3 इंच के मुहम्मद अली को रिंग में देखकर सामने वाले बॉक्सर के पहले ही छूट जाते थे पसीने | Muhammad Ali, Muhammad Ali Boxer In HIndi, Muhammad Ali Family
- पूरा नाम - मुहम्मद अली
- जन्म दिनांक - 17 जनवरी 1 9 42
- जन्म स्थान - लुइसविले, केंटकी, संयुक्त राज्य अमेरिका
- मुहम्मद अली की लम्बाई - 6.26 फिट ( कुल इंच में 75.19685)
- पिता का नाम - कैसियस मार्सेलस क्ले सीनियर
- माता का नाम - ओडेसा ग्रेडी क्ले
- परिवार के सदस्यों के नाम - रहमान अली (भाई)
- पत्नियों के नाम - सोनजी रोई ( 1964-1966) , खलीला अली (1967-1976) , वेरोनिका पोर्च अली (1977-1986) , लोनी अली (1986-2016)
- संतान के नाम - लैला अली, मरियम अली, असद अमीन, रशीदा अली, हाना अली, मुहम्मद अली जूनियर, खलीया अली, जमीला अली, मिया अली
- व्यवसाय - बॉक्सर
- मृत्यु दिनांक व स्थान - 3 जून 2016, स्कॉट्सडेल, एरिजोना, संयुक्त राज्य अमेरिका
दोस्तों आज हम बात करने वाले है दुनिया के सबसे खतरनाक बॉक्सर मुहम्मद अली के बारे में, दोस्तों मुहम्मद अली को वर्ल्ड का सबसे बड़ा हेवीवेट मुक्केबाज माना जाता था। मोहम्मद अली कुल तीन बार हेवीवेट प्रतियोगिता के चैम्पियन रह चुके थे। इस उपलब्धि के साथ अली ने कई रिकॉर्ड अपने नाम कर रखे है।
मुहम्मद अली का शुरुआती जीवन | Muhammad Ali Early Life, Muhammad Ali Real Name
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अमेरिका के महान बॉक्सर और गोल्ड मेडलिस्ट खिलाड़ी मुहम्मद अली का जन्म 17 जनवरी 1947 अमेरिका के केंटकी लौइस्विले में हुआ था। मुहम्मद अली का बचपन का नाम मार्सीलस क्ले जूनियर था। मुहम्मद अली अली का जन्म जिस क्षेत्र में हुआ था। वहां पर उन्हें अश्वेत होने के करण कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। और उनका बचपन काफी मुश्किलों भरा रहा इस माहौल को देखकर मुहम्मद अली ने कुछ करने की सोची और मुक्केबाजी में हाथ आजमाने शुरू कर दिए।
मुहम्मद अली मुक्केबाजी में पहला कदम | Muhammad Ali Boxer In Hindi
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मुहम्मद अली ने बॉक्सिंग रिंग में पहला कदम 1954 रखा और ये प्रतियोगिता मुहम्मद अली जीत गये। धीरे-धीरे मुहम्मद अली कई प्रतियोगितायें भाग लेते रहे और अपनी मंजिल की और बढते गये अली ने साल 1956 में गोल्डन ग्लोबस में मैडल जीता उसके तीन साल बाद ही मुहम्मद अली नेशनल गोल्डन ग्लोब्स ऑफ़ चैंपियन का ख़िताब जीत गये इसके बाद मुहम्मद अली ने एथलेटिक्स एसोसिएशन प्रतियोगिता में भाग लिया और इसमें मुहम्मद अली ने नेशनल टाइटल का ख़िताब अपने नाम किया।
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मुक्केबाजी में मुहम्मद अली की उपलब्धियां | Muhammad Ali Record In Hindi
मुहम्मद अली के इस शानदार खेल को देखकर अमेरिका की बॉक्सिंग टीम ने उन्हें ओलम्पिक मुक्केबाजी टीम में शामिल कर लिया। 1960 में ओलम्पिक रोम में हो रहा था तो अली अमेरिका से रोम पहली बार फ्लाइट से गये.दोस्तों 6 फिट 3 इंच के मुहम्मद अली को रिंग में देखकर सामने वाले बॉक्सर के पहले ही पसीने छूट जाते थे। मुहम्मद अली का ओलम्पिक के फाइनल मुकाबले में पोलेंड के बॉक्सर बिग्नी पिटजोक्ब्स्की से था, मुहम्मद अली ने इस मुकाबले को कुछ देर में ही जीत लिया और बिग्नी पिटजोक्ब्स्की को रिंग में पस्त कर दिया और अपने देश के लिए गोल्ड मैडल जीत लिया। अपनी इस कामयाबी के कारण मुहम्मद अली पुरे अमेरिका में लोकप्रिय बॉक्सर बन गये। मुहम्मद अली ने साल 1964 में सोनी लिस्टन को हरा कर Word Heavy Weight Champion का ख़िताब जीता था ।
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खेल के साथ अली अपने निजी जीवन में आध्यात्मिक शान्ति की खोज भी कर रहे थे। साल 1964 में अली ने इस्लाम धर्म को अपना लिया और अपना नाम मुहम्मद अली रख लिया। कुछ साल बीत जाने के बाद देश की सरकार ने अली को युद्ध में भेजने का निर्णय लिया तो अली ने वहां जाने से इनकार कर दिया और खुद को मौलवी बताते हुए और धर्म का हवाला दे कर देश की सरकार को युद्ध में जाने से साफ मना कर दिया। साल 1964 में अली ने अपनी धार्मिक मान्यताओं और सुरक्षा के चलते अपने बॉक्सिंग करियर को छोड़ने का फैसला लिया। देश की न्याय प्रणाली ने इसे अस्वीकार कर अली पर मुकदमा कर दिया और देश को सैन्य सेवा ना देने के कारण अली को दोषी करार दिया।
मुहम्मद अली के जीवन का मुश्किल सफ़र | Difficult Journey of Muhammad Ali's Life
अली को अब एक बड़ी लड़ाई लड़नी थी और खुद को निर्दोष साबित करना था। इस मुकदमे के कारण अली से उनके सारे ख़िताब छीन लिए गये। और अली की बॉक्सिंग पर साढ़े तीन साल के लिए बैन लगा दिया। समय बितने के साथ मुहम्मद अली ने रिंग में वापसी की और साल 1970 में रिंग में उतरकर अपने पहले ही मैच में एटलांटा में जेरी क्वारी हरा दिया। फिर साल 1974 में अली ने फ़्रन्ज़िएर को हराया और फिर साल 1974 में World Heavy Weight Champion का ख़िताब जीत लिया
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इस जीत के बाद मुहम्मद अली के बॉक्सिंग करियर में बुरा दौर शुरू हो गया और 1978 में अली को लियोन स्पिन्क्स से हार मिली फिर 1980 में लैरी होल्म्स से , बाद में साल 1981 मुहम्मद अली आखरी बार बॉक्सिंग रिंग में उतरे और उन्हें ट्रेवर बार्बिक ने हरा दिया और World Heavy Weight Champion का ख़िताब भी हार गए इस हार से निराश मुहम्मद अली ने मुक्केबाजी कैरियर से सन्यास ले लिया.
बीमारी से लड़ते हुए की गरीबों की सेवा | Muhammad Ali In Hindi
सन्यास के फैसले के बाद मुहम्मद अली समाज के सेवा में लग गए। साल 1984 में मुहम्मद अली पार्किसन नाम की बीमारी का शिकार हो गये। इस बीमारी से मुहम्मद अली की बॉडी में भयंकर कंपन होने लग गया था। मुहम्मद अली ने इस बीमारी के इलाज के लिए पार्किसन सेण्टर बनाने के बारे में सोचा मुहम्मद अली ने मेक्सिको और मोरक्को सहित कई देशो में घूम कर घूम कर जरूरतमंद लोगो की सहायता की अली के इन कार्यो को देख कर सयुंक्त राष्ट्र संघ ने 1998 में उन्हें संती दूत बनाया।
साल 2005 में अमेरिका के राष्ट्रपति जॉर्ज डबल्यू बुश ने मुहम्मद अली को Presidential Medal of Freedom सम्मान दिया। उसी साल अली ने अपने शहर लौइस्विले में मुहम्मद अली सेंटर की शुरुआत की इस समय अली ने कुछ वाक्य बोले और कहा की "में एक साधारण व्यक्ति हु और अपने हुनर का उपयोग करने के लिए कठोर मेहनत करता हु। मुझे खुद पर और दुसरो की अच्छाईयों पर भरोसा रहा है
अमेरिका ने किया सिर झुका कर सलाम | Muhammad Ali Death
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अमेरिका के इस मुक्केबाजी के खेल में इतिहास और दुनिया का सबसे हेवी वेट मुक्केबाज कहा जाता है. अमेरिका और अन्य देशो की कई संस्थाओं साल 1999 में मोहम्मद अली सदी का सबसे महान खिलाड़ी का दर्जा दिया। अमेरिका ने अली को इस खेल के लिए हुक झुक कर सलाम किया और देश के वर्तमान खिलाड़ी और आने वाली पीढ़ी के लिए एक मसीहा साबित हुए. अली ने इस खेल में अमेरिका के अश्वेतों के लिए जो काम किया है उसे अमेरिका का कोई भी नागरिक नहीं भूल सकता। 3 जून 2016 को मुहम्मद अली ने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया|
दुनिया के सबसे खतरनाक बॉक्सर मुहम्मद अली की जीवनी | Muhammad Ali Biography In Hindi