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गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) पर भाषण | Republic Day (26 January) Speech In Hindi

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गणतंत्र दिवस पर प्रेरणादायक भाषण | All About Republic Day (January 26) Speech In Hindi
भारत एक ऐसा देश है, जिसका अतीत गौरवशाली ऐतिहासिक गाथाओं से भरा पड़ा है| सनातन काल से ही भारत को विश्व गुरु के नाम से पूरी दुनिया में जाना जाता है मानवीय सभ्यताओं का प्रारम्भ जब घाटी सभ्यताओं से शुरू हुआ तो भारत की सिंधु सभ्यता ने भी इसके प्रतिनिधित्व में हिस्सा ग्रहण किया और धीरे-धीरे आर्य सभ्यता के साथ रामायण व महाभारत काल से होते हुए हमारे देश की गाथाओं ने आताताई आक्रमणकारियों के दंश को भी झेला और मुस्लिम और ब्रिटिश शासन ने तो भारत के पूरे वजूद को ९५० वर्षों तक गुलामी के जंजीरों में कैद करके रखा लेकिन हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानियों ने भारत वर्ष को अपने अथक प्रयास से इनके चंगुल से 158 अगस्त 1947 को छुड़ा ही लिया और भारत के स्वर्णिम परम्परा को कायम रखते हुए अपना दम दिखाना प्रारम्भ कर दिया|
जहाँ भारत के अतीत ने भी गौरवमयी वैश्विक राष्ट्र के रूप में दुनिया के सामने खुद को रखा था और महान उर्दू कवी इक़बाल की इन पंक्तियों को दोहराया था
via: timesnownews.com
" सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा,
हम बुलबुले हैं इसकी ये गुलिस्तां हमारा"
वही भारत की आजादी के बाद भारत के नीति निर्माताओं ने भारत को पूरे वैश्विक पटल पर एक दमदार आगाज की कहानी लिखने का मौका दिया| दुनिया ने आजादी के बाद पाकिस्तान से हुए युद्ध से मिली विजय और चीन के खिलाफ युद्ध में भारतीय सेना द्वारा प्रगट किये गए अदम्य शौर्य और हौसले की कहानी को पूरी दुनिया ने देखा| एक तरफ जहाँ भारत ने १५ अगस्त स्वतंत्रता दिवस के रूप में मानाने का सौभाग्य प्राप्त किया वहीँ इसी दिन आजादी का रसपान भी किया| भारत के विधिवेत्ताओं ने भारतीय नागरिकों को भारतीय संविधान द्वारा दिए गए अधिकारों के जरीये पहली बार भारत में जनता का शासन है की संवेदनशील भावना को उनके ह्रदय में आत्मसात कराने में सफलता पायी|
आज हम भारतीय गणतंत्र दिवस को मानाने के लिए उपस्थिति हुए हैं , हमारा राष्ट्र दुनिया के प्रमुख गणतंत्रों में से एक है| ये हमारा राष्ट्रीय पर्व है जो प्रतिसाल 26 जनवरी को मनाया जाता है| इसी दिन सन 1950 को हमारे देश के नीति निर्माताओं ने भारतीय संविधान को राष्ट्र के चरणों में समर्पित किया था| 26 जनवरी 1949 को भारतीय संविधान सभा ने इस संविधान को अपनाया था और 26 जनवरी 1950 को इसे लागू किया था| ये दिन आज हमें इस बात की याद दिलाता है आज हम एक स्वंत्र हवा में सांस ले रहे हैं, हमारे अधिकारों की रक्षा जिसके द्वारा हो रही है वो हमारा शुभ चिंतक है| हम सभी आज सुरक्षित और समर्थवान बन चुके हैं और हमारी यही सशस्क्तता आज दुनिया को ये बता पाने में सक्षम है की 'जीरो' का अविष्कार करने वाले ये देश आज पुनः दुनिया का प्रतिनिधित्व करने का दम भरता है| भारतीय गणतंत्र को सारगर्भित रूप से प्रस्तुत करने में शिव शरण दुबे की ये कविता बहुत प्रभावशाली सिद्ध होती है| प्रस्तुत हैं अविस्मरणीय कविता की कुछ पंक्तियाँ----
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" पावन है गणतंत्र यह करो खूब गुणगान|
भाषण बरसाकर बनो वक्ता चतुर सुजान||
वक्त चतुर सुजान, देश का गौरव गाओ|
श्रोताओं का मान करो नारे लगवाओ||
इसी रीति से बनो सुनेता, राम सुहावन|
कीर्ति लाभ का समय सुहाना यह दिन पावन||
भाई तुमको यदि लगा, जन सेवा का रोग|
प्रजातंत्र के वोट में राजतन्त्र को भोग|| "
राम, कृष्णा, बुद्ध,महावीर, गाँधी, बोस, की ये धरती की आज फिर एक बार पूरी दुनिया को ललकार रही है की हाँ हम ही वो गणतंत्र हैं जिसके लिए हमारे महापुरुषों ने अपनी जाने न्योछावर कर दी थी, ताकि भारत का आने वाला भविष्य अपने सपनों और हौसलों के पंखो पर सवार होकर स्वछंद आकाश में उड़ान भर सके|
जय हिन्द! जय भारत!
गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) पर भाषण | Republic Day (26 January) Speech In Hindi