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रामायण के 5 बड़े झूठ | 5 Big Lies of the Ramayana In Hindi

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रामायण के महाझूठ | 5 Big Lies of the Ramayana In Hindi
दोस्तों आज मै आपको बताने वाला हूँ रामायण के वो 5 झूठ जो श्री राम के जीवन पर बनी रामायण में दिखाये गये है ये झूठ एक बार तो इंसान को सोचने के लिए मजबूर कर देंगे तो चलो इन 5 झूठ से आपको रूबरू करवाते है।
#1. कुम्भकरण की 6 महीने की नींद
आपने रामायण में कुम्भकरण को देखा होगा उसके बारे में बताया गया था की वो 6 महीने तक सोता था और 6 महीने के लिए जागता था। लेकिन ये सबसे बड़ा झूठ है, अब आपके मन में एक सवाल पैदा हुआ होगा कैसे, ये तो नार्मल सी बात है यदि कोई व्यक्ति 6 महीने तक लगातार सोता रहेगा तो वो कुछ भी नहीं खायेगा, और व्यक्ति 6 महीने तक कुछ भी ना खाये तो उसकी मृत्यु निश्चित है।
#2. हनुमान जी का द्रोणगिरि पर्वत उठा कर लाना
आपने अपने घर में हनुमान जी की फोटो में देखा होगा की हुनमान जी हाथ में पहाड़ ले कर आसमान में उड़ रहे है। दोस्तों ये बिलकुल गलत है, मानते है हनुमान जी बलवान थे लेकिन उन्होंने पूरा पर्वत नहीं उठाया था। बल्कि सच्चाई ये है की हनुमान जी को सजीवनी बूटी लाने के लिए द्रोणगिरि पर्वत पर भेजा गया था। उस पर्वत पर बहुत सारी जड़ी बुटिया थी तो हनुमान जी को समझ में नहीं आया की सजीवनी बूटी कौनसी है। बाद में हनुमान जी द्रोणगिरि पर्वत की सारी जड़ी बूटियाँ ले कर गए।
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#3. वनवास के 14 सालों के दौरान लक्ष्मण का नहीं सोना
कुछ कथावाचकों का ये कहना है की जब तक श्री राम और सीता बनवास पर थे जब राम के छोटे भाई लक्ष्मण कभी सोये नहीं थे। ये भी रामायण का एक बड़ा झूठ है। आप और हम सब जानते है की रामायण के रचियता महर्षि वाल्मीकि जी के द्वारा लिखी गई है। और उनके खुद के एक श्लोक में ये लिखा गया है की,
"अथ रात्र्यां व्यतीतायामवसुप्तमनन्तरम ।
प्रबोधयामास शनैर्लक्ष्मणम रघुनंदनम । ।"
इस श्लोक में ये कहा गया है की रात पूरी होने के बाद श्री राम धीरे- धीरे लक्ष्मण जी को भी उठाते थे तो यहां ये बात सिद्ध हो जाती है की लक्ष्मण जी सोये थे।
#4. रामसेतु के पत्थर तैरते हैं
आज भी सभी लोग ये कहते है की श्री राम ने रावण की लंका में जाने के लिए जो रामसेतु बांध बनाया था। उसमे पत्थरो पर श्री राम लिख कर तैराया गया था और लोग आज भी इस बात को मानते है लेकिन ये बात बिलकुल गलत साबित हुई इसका सच जानने के लिए वाल्मीकि द्वारा लिखी गई रामायण पढ़नी चाहिए । खैर हम अपने विषय पर आते है रामसेतु के पत्थर तैरते है पता नहीं ये मिलावट कहाँ से और किसने की। अब आप महर्षि वाल्मीकि के द्वारा रचित रामायण के ये श्लोक पढ़े।
"हस्तिमात्रान महाकाया: पाषणाश्च महाबला ।
पर्वताश्च समुत्पाट्य यंत्रै: परिवहन्ति च । । "
इस श्लोक में कहा गया है की उन महाकाया मतलब विशाल और महाबली हस्तियों ने बड़े-बड़े पत्थर और पर्वतो को तोड़कर समुद्र तट पर लाना शुरू किया इस श्लोक में तो ऐसी कोई बात नहीं बताई गई की पत्थरो को को तोड़ कर उन पर श्री राम का नाम लिखा गया ।
#5. सबरी के जूठे बेर
आपने रामायण का ये सीन तो जरूर देखा होगा जब बनवास के समय श्री राम जंगल में जा रहे थे एक कुटिया में सबरी ने राम और लक्ष्मण को जूठे बैर खिलाये थे। तो चलिए अब हम महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण के अरण्ड्यकांड के श्लोक पढ़ते है।
"मया तु विविधं वन्य संचितम पुरुषर्षभ ।
तवार्त्थे पुरुषव्याघ्र पम्पायास्तीरसम्भवं । ।"
यानी की सबरी ने श्री राम और लक्ष्मण कोर पुरु श्रेष्ठ मानकर अतिथि सत्कार किया था । सबरी जो फल व फूल पाम्पा सरोवर के पास एक वन से तोड़कर लाई थी और उससे श्री राम और लक्ष्मण का स्वागत किया था। तो यहां पर तो कही भी ऐसी बात नहीं कही गई की सबरी ने श्रीराम और लक्ष्मण को जूठे बेर खिलाये । धर्म से कोसो दूर रहने वाले व्यक्तियों ने बताया की उस समय जाति प्रथा को खत्म करने का ये सही उदाहरण था।
रामायण के 5 बड़े झूठ | 5 Big Lies of the Ramayana In Hindi