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क्या हुआ था हल्दीघाटी युद्ध के बाद | Haldighati Battle In Hindi

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हल्दीघाटी युद्ध के बाद की घटनाएं | Haldighati Battle In Hindi
दोस्तों हमने इतिहास की पुस्तकों में कई महान योद्धाओं और वीरों के बारे में पढ़ा है। दोस्तों उनमे एक नाम आता है महाराणा प्रताप का, महाराणा प्रताप के बारे में हमने कई वीरगाथाएं सुनी है दोस्तों हमें महाराणा प्रताप के बारे में और जानने की जरूरत है महाराणा प्रताप मेवाड़ के राजा उदय सिंह के पुत्र थे। प्रताप जब चित्तोड़ के राजा बने तब उनके सामने कई चुनौतियां आई और उन्होंने अपने जीवनकाल में कई युद्ध लड़े और उनमे जीत भी हासिल की. लेकिन दोस्तों महाराणा प्रताप के जीवनकाल में हल्दी घाटी के युद्ध को सबसे ज्यादा याद किया जाता है। तो आईये दोस्तों अब जानते है हल्दी घाटी युद्ध के बारे में.
हल्दीघाटी युद्ध | Haldighati War
दोस्तों ये बात बहुत ही काम लोग जानते है की हल्दी घाटी युद्ध के बाद क्या हुआ था ? आज हम उसी इतिहास के बारे में पढ़ने वाले है की आखिर हल्दी घाटी युद्ध के बाद क्या हुआ था। 1576 में हुआ हल्दी घाटी युद्ध महराणा प्रताप के जीवन का सबसे बड़ा और भंयकर युद्ध माना जाता है। ये इसलिए की जब ये युद्ध हुआ था तब प्रताप अपने राज्य और कई क्षेत्र हार गए थे।
दोस्तों ये बात आज तक साबित नहीं हो पाई है की हल्दीघाटी युद्ध में महाराणा प्रताप की हार हुई थी या जीत.प्रताप बचपन से अपनी मातृभूमि से प्यार और प्रजा के लोगो के बिच रहने वाले थे. यही कारण था की उनकी प्रजा के लोग और भील जाति के लोग महाराणा प्रताप की बहुत इज्जत करते थे.और प्रताप के लिए हार समय हाजिर रहते थे। उस समय अकबर अपने राज्यों का विस्तार कर रहा था और खुद के शासन में प्रदेशो की संख्या में बढ़ोतरी करना चाहता था। इस लिए अकबर ने कई बार महाराणा प्रताप के पास अपने दूत भेजे थे।
लेकिन महाराणा प्रताप ने एक बार भी अकबर की बात स्वीकार नहीं की। इस बात से अकबर काफी क्रोधित था इसका ये नतीजा हुआ की अकबर की सेना ने मेवाड़ पर हमला कर दिया दोस्तों ये युद्ध हल्दीघाटी के पास लड़ा गया था । इस कारण इस युद्ध का नाम हल्दीघाटी युद्ध पड़ गया। लेकिन दोस्तों ऐसा माना जाता है की ये युद्ध शुरू हल्दीघाटी से हुआ था। लेकिन इस युद्ध का अंत खमनौर में हुआ था। इस युद्ध में महाराणा प्रताप के पास सेना की कमी थी लेकिन फिर भी प्रताप के 5000 सैनिको ने अकबर ने 60 हजार सैनिको का डटकर सामना किया था।
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जब अकबर की सेना ने महाराणा प्रताप पर हमला किया था तब प्रताप की जान बचाने के लिए प्रताप के वफादार सरदार मन्नाजी झाला जो बिलकुल महाराणा प्रताप के हमशक्ल थे उन्होंने प्रताप का मुकुट पहन लिया और प्रताप को वहां से भगा दिया और खुद मुगलो से लड़ते-लड़ते शहीद हो गए.महाराणा प्रताप इस युद्ध से निकलकर जिस रास्ते से भाग रहे थे उस रास्ते में एक बड़ा नाला आ गया। प्रताप के घोड़े चेतक ने इसे पार करने के लिए ऊंची छलांग लगाई इसमें प्रताप तो बच गए लेकिन चेतक वहीं शहीद हो गया।
क्या हुआ था हल्दीघाटी युद्ध के बाद | Haldighati Battle In Hindi