चंगेज खान का सम्पूर्ण इतिहास | History of Genghis Khan in Hindi

चंगेज खान का सम्पूर्ण इतिहास | History of Genghis Khan in Hindi

In : Meri kalam se By storytimes About :-6 years ago
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चंगेज खान का सम्पूर्ण इतिहास | All About History of Genghis Khan in Hindi

चंगेज खान एक बहुत क्रुर और कुशल मगोलियाई सम्राट था जिसने अपनी युद्ध कुशलता से सन 1206 से 1227 के बीच एशीया और युरोप के एक बड़े हिस्से को जीत लिया था। चंगेज खान का नाम(name) सुनकर अच्छे – अच्छे सूरमाओं के पसीने(Sweat) छूट जाते थे। चंगेज खान और उसकी सेना जिस भी क्षेत्र (Area)से गुजरती थी, अपने पीछे बर्बादी की कई कहानियां(story) छोड़कर चली जाती थी।

1. चंगेज़ खान का जन्म और बचपन 

History of Genghis Khan

चंगेज खान का जन्म सन 1162 के आसपास मंगोलिया के एक खानाबदोश कबीले में हुआ थाl चंगेज ख़ान का पिता यंगुसी – बगातुर उनके कबीले का सरदार था l जब चंगेज ख़ान मात्र 10 वर्ष का था तो उसके पिता का देहांत(Death) हो गया और अपनी पत्नी और सात बच्चों को अनाथ छोड़कर चला गया। अनाथ होने के बाद भी चंगेज ख़ान मेहनत(hard work) करता चला गया और बढ़ता चला गयाl कबीले के सरदार का पुत्र होने की वजह से ही वो बचपन से युद्ध की बारीकिया सीखता रहा।

बचपन में चंगेज ख़ान बहुत गुस्सैल(Angry) थाl एक बार उसके एक छोटे भाई ने उसकी एक मछली चोरी करके खा ली, इस पर चंगेज को गुस्सा आ गया और उसने अपने भाई को मार दिया।

2. चंगेज ख़ान का धर्म – वो मुसलमान नही था

History of Genghis Khan

‘चंगेज़‘ नाम के साथ ‘ख़ान‘ लगा होने की वजह से अधिकतर लोग(people) यह मान लेते है कि वह मुसलमान था, जब कि ऐसा नही है। चंगेज़ ख़ान का असली नाम ‘तेमुजिन‘ था l चंगेज़ ख़ान ने अपनी कुशलता से शुरू से अपने कबीले में अच्छा खासा प्रभाव बना लिया था। मंगोलों की सभा ने उसे अपना सरदार घोषित कर दिया और ‘कागान‘ की उपाधि दी जो आगे चलकर ख़ान में बदल गया l ‘कागान’ का अर्थ(meaning) होता है सम्राट जा सरदार। ‘चंगेज़‘ नाम उसे बाद में मिला जब कई कबीलों ने उसकी अधीनता(Subjection) स्वीकार कर ली और पृथ्वी का एक बड़ा क्षेत्र उसके कबज़े में आ गया l ‘चंगेज़’ शब्द का अर्थ होता है विश्व का समुंद्र।

तुमेजिन अब ‘चंगेज़ ख़ान’ बन चुका था जिसका मतलब(meaning) होता है ‘विश्व सम्राट‘।

3. ऐसे की थी अपने विजय अभियानों की शुरूआत

History of Genghis Khan

तुमेजिन जब कागान जा ख़ान बना तब उसकी उम्र 51 साल(year) हो चुकी थी। इस उम्र में ज्यादातर आदमी शांति और आराम चाहते है पर उसके लिए तो यह विजय यात्रा के जीवन की शुरूआत थी।

एक कहानी के अनुसार(according) एक बार चंगेज़ ख़ान शिकार से वापिस लौटकर जब अपने ठिकाने पर पहुँचता है तो अपनी जवान पत्नी को गायब पाता हैl बाद में उसे पता चलता है कि एक दुश्मन कबीले के लोगों(people) ने उसकी पत्नी का अपहरण कर लिया है।

इसके बाद चंगेज़ ख़ान अपने कबीले के लोगों को संगठित(Organized) कर अपनी पत्नी को छुड़ाने के लिए कई लड़ाईयां लड़ता हैl अपने बीबी के मिल जाने के बाद भी अपनी जीतों से उत्साहित होकर लड़ाईया(Fight) जारी रखता है और दुनिया(world) में सबसे ज्यादा क्षेत्र जीतने वाला सम्राट बन जाता है।

4. जीता था 3 करोड़ 30 लाख वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र

History of Genghis Khan

चंगेज़ ख़ान ने 1206 से 1227 के बीच दुनिया के एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया जिसका क्षेत्रफल लगभग 3 करोड़ 30 लाख वर्ग किलोमीटर थाl इतना क्षेत्रफल पूरे थल भाग(part) का 22 प्रतीशत है और वर्तमान भारत से 10 गुणा ज्यादा।

चीन से लेकर बुखारा (Uzbekistan), समरकंद (Uzbekistan), रूस, अफगानिस्तान, ईरान, ईराक, बुल्गारिया और हंगरी तक चंगेज़ ख़ान का साम्राज्य फैला हुआ था l इतना क्षेत्र आजतक कोई भी दूसरा सम्राट नही जीत सका है।

5. चंगेज़ ख़ान की युद्ध कुशलता

History of Genghis Khan

मंगोलिया के ख़ानाबदोश लोग बड़े ताकतवर थे। लेकिन इनकी ताकत इनके ज्यादा काम ना आती, अगर इन्होंने एक योग्य सरदार पैदा ना किया होता। यह योग्य सरदार था चंगेज़ ख़ान ।

चंगेज़ ख़ान बड़ी सावधानी और समझदारी(Rationality) से युद्ध करता था। उसने अपने सैनिकों को खास तरह की ट्रेनिंग दे रखी थी। सबसे ज्यादा वह घोड़ो को सिखाता था और इस बात का ख़ास इंतज़ाम किया था कि युद्ध में एक घोड़ा(Horse) मरने के बाद दूसरा फौरन सैनिकों के पास पहुँच सके क्योंकि उस समय युद्ध में तेज़ी के लिए घोड़ो का बहुत ज्यादा महत्व था।

युद्ध में भले ही चंगेज़ ख़ान की सेना विरोधी सेना से कम होती पर अपने पक्के अनुशासन और संगठन के कारण जीत चंगेज़ ख़ान की सेना की ही होती ।

6. चार करोड़ लोगों की मौत का जिम्मेदार था चंगेज़ ख़ान

चंगेज़ ख़ान को एक तो उसके साम्राज्य(Empire) विस्तार तो दूसरा उसकी क्रुरता के लिए जाना जाता है। अपने विजयी अभियानों के दौरान वह जिस भी क्षेत्र में जाता शहरों के शहर तबाह(Devastated) कर देता और खूब मार – काट करता। एक अनुमान के अनुसार उसने अपने समय की 11 फीसदी आबादी का सफाया कर दिया जो तकरीबन 4 करोड़ बनती है।

उसकी बर्बरता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने सन 1219 में ईरान पर हमला कर वहां की 75 प्रतीशत आबादी का समूल खात्मा कर दिया। उज़्बेकिस्तान के बड़े शहर बुखारा और राजधानी समरकंद पूरी तरह जला कर राख कर दी। बुखारा की 10 लाख की आबादी में से सिर्फ 50 हज़ार लोग ही जिंदा बचे थे। इतिहासकारों के अनुसार चंगेज़ ख़ान के हमले के समय जितनी आबादी पूरे ईरान की ती, उतनी आबादी वापिस होने में 750 साल का लंबा समय लगा।

चंगेज़ ने जब चीन की दीवार को भेदकर(Penetratingly) उसकी राजधानी बीजिंग पर कब्जा किया तो उसके बाद चीन की जनसंख्या में बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी। इन बातों से अंदाजा(Guess) लगाया जा सकता है कि चंगेज़ ख़ान कितना क्रुर और निर्दयी था।

7. चंगेज़ ख़ान भारत आते – आते लौट गया

History of Genghis Khan

चंगेज खान ने ईरान में जिस राजा ख़ारज़म पर हमला किया था उसका लड़का जलालुद्दीन भागकर सिंध नदी तक चला आया और दिल्ली दरबार में आश्रय लेने के लिए चला गया। उधर दिल्ली के सुल्तान इल्तुमिश ने चंगेज़ ख़ान के डर से जलालुद्दीन को आश्रय देने से मना कर दिया।

पहले चंगेज खान की योजना थी कि वह भारत को रौंदते हुए भारत के बीच से गुजरे और असम के रास्ते मंगोलिया लौट जाए। पर दिल्ली के सुल्तान इल्तुमिश के हार मानने के बाद और बीमारी (disease) के कारण वह वापिस लौट गया। इस तरह उत्तर भारत एक संभावित और भयानक बर्बादी से बच गया।

8. वासना का भूखा चंगेज़ ख़ान

चंगेज खान जिस भी क्षेत्र को जीतता था उसके पराजित योद्धाओं की पत्नियों और बेटियों की नंगन परेड़ कराता था। वह उन स्त्रियों का चयन करता था जिसके साथ उसे हमबिस्तर होना होता था। महिलाओं को वह उनकी छोटी नाक, गोल नितंब, लंबे रेशमी बाल, लाल होंठ और मधुर आवाज़ से पसंद करता था। बाकी बची स्त्रियों को अपने अधीनस्थ अधिकारियों और सेनापतियों की छावनियों में भेज देता था।

9. जीवत हैं चंगेज़ ख़ान के 1.6 करोड़ वंशज

History of Genghis Khan

चंगेज़ ख़ान की कई पत्नियां थी। इतिहासकारों के अनुसार चंगेज़ ख़ान हज़ारो का नही तो कम से कम सैंकड़ो बच्चों का बाप था। रूस की एक एकेडमी ने मंगोलिया के सीमाई क्षेत्र में रहने वाली जनसंख्या के टिश्शूओं के नमूनों की जांच में पाया कि आज भी चंगेज़ के 1 करोड़ 60 लाख पुरूष वंशज जीवित हैं। अगर महिला वंश्जों को भी इसमें जोड़ लिया जाए तो यह संख्या दूगनी हो जाएगी।

इसका मतलब है कि पृथ्वी पर लगभग 3 करोड़ लोग ऐसे है जिनके दादा के दादा के दादा और नानी की नानी की नानी का पिता चंगेज़ ख़ान था।

10. चंगेज़ ख़ान का धार्मिक दृष्टिकोण

धार्मिक मामलों में चंगेज खान बड़ा दयालु था। वह सभी धर्मों का सम्मान करता था। चंगेज़ एक विचारधारा शमाबाद को मानता था जिसे आप उसका धर्म कह सकते है। शमाबाद में ‘नीले आसमान‘ की पूजा होती है। चंगेज़ खान ताओ धर्म गुरूओ से भी खूब ज्ञान – चर्चा किया करता था। अपने मरने तक चंगेज खान शमाबाद पर ही कायम रहा और जब भी कठिनाई में होता तो नीले आकाश की तरफ देखता था। चंगेज़ को बाज़ पालने का शौक भी था। उसके पास तकरीबन 800 ब़ाज थे।

11. चंगेज़ ख़ान की मौत

यह कोई नही जानता कि चंगेज़ ख़ान की मौत क्यों हुई और उसे कहां दफनाया गया था जा जलाया गया था। एक कहानी के अनुसार घोड़े से गिरने की वजह से उसकी मृत्यु हो गई थी। चंगेज खान 1227 में 65 साल की उम्र में एक बड़ा इतिहास अपने पीछे छोड़ कर इस दुनिया से चला गया।

12. चंगेज़ ख़ान के उत्तराधिकारी

History of Genghis Khan

चंगेज़ खां की मृत्यु के बाद उसके लड़के ओगताई ने मंगोल साम्राज्य की गद्दी संभाली। चंगेज़ खान के मुकाबले वह दयावान और शांतिप्रिय था। वह कहा करता था- ‘हमारे कागन चंगेज़ ने बड़ी मेहनत से हमारे शाही ख़ानदान को बनाया है। अब समय आ गया है कि हम अपने लोगों को शांति दें’। चंगेज़ ख़ाँ के मरने के बाद भी उसका साम्राज्य 200 साल तक टिका रहा।

निष्कर्ष

तैमूर और गज़नवी को महान बताने वाले अरब और ईरानी लेखकों की नज़र में चंगेज़ खाँ एक दानव था। इसमें कोई शक नही कि चंगेज़ खाँ एक जालिम शाशक था। पर उस समय के दूसरे शाशकों और उसमें कोई ज्यादा अंतर नही था। भारत में मुस्लिम बादशाह यही कुछ करते थे। गौर करने वाली बात यह है कि जहां चंद्रगुप्त, सिकंदर और अक्बर जैसे राजाओं ने प्रदेशों को जीतने का काम जवानी में पूरा किया था वहीं चंगेज़ ख़ान ने 41 वर्ष की आयु में अपने विजयी अभियान की शुरूआत की। इससे हम निष्कर्ष निकाल सकते है कि चंगेज़ खाँ ने जवानी के जोश में एशिया को नही रौंद डाला। वह अधेड़ उम्र का एक होशियार और सावधान आदमी था और हर काम को हाथ में लेने से पहले उस पर विचार कर तैयारी कर लेता था।

चंगेज खान का सम्पूर्ण इतिहास | History of Genghis Khan in Hindi